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Advocate In Action Palak Gupta and Associates

Romance Others

3.7  

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तेरे रिवाज मेरी आवाज़

तेरे रिवाज मेरी आवाज़

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कान्हा जी चले रुक्मणी को लेने, 

दिल छोड़ गए राधा रानी के पास, 

बैरन दुनिया समझ ना सकी, 

इश्क ने लगाई थी कितनी आस, 


दिल क्या जाने जंजीरों को, 

यह तो दुनियादारी के है रिवाज, 

डोली उठी मीरा की और

दिल रह गया कान्हा के पास! 


कान्हा जी बोले मोरी मैया तू तो सुन ले, 

ममता भी फीकी पड़ गई आज? 

जग से तोड़ा हर बंधन मैंने, 

फिर भी राधा ना आई पास! 


तोड़ कर रख दी नीव प्यार की, 

छेड़ दिया मन में ग़म का आगाज, 

हार गया मैं अब तो सुन ले, 

कोई दो दिलों की आवाज़! 


अंत में 2 पंक्तियां राधा रानी के लिए, 

की राधा तू भी सुन ले, 

दिल पर मेरे एक तेरा राज भूल ना जाना

इस कान्हा को जिसने की तेरी ख़ुशियों

की अरदास



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