अतीत के संग
अतीत के संग
सुनहरे ख़्वाबों में बीते,
जो लम्हे याद आते हैं।
अतीत के संग में लिपटा,
हमारा आज पाते हैं।
तुझमें खोकर हस्ती को
स्वयं को पाया था मैंने,
तेरे एहसास से भी अब,
सनम हम मुस्कुराते हैं।
सुनहरे ख़्वाबों में बीते,
जो लम्हे याद आते हैं।
अतीत के संग में लिपटा,
हमारा आज पाते हैं।
तुझमें खोकर हस्ती को
स्वयं को पाया था मैंने,
तेरे एहसास से भी अब,
सनम हम मुस्कुराते हैं।