अरमान सैनिक का
अरमान सैनिक का
नहीं चाहिए अब कुछ और यही अरमान मेरा है,
मिल जाये कफन तिरंगे का यहीं सम्मान मेरा है।
करूँ रक्षा मैं देश की उसी में तो गौरव मेरा है,
झुकूं ना कभी दुश्मन के आगे ये अभिमान मेरा है।
अभिमान मेरा देश इसके सम्मान में सम्मान मेरा है,
मिल जाऊँ इसकी मिट्टी में यही तो अब ख्वाब मेरा है।
तन मन न्योछावर देश पर देश ही तो परिवार मेरा है,
रक्षा में इसकी मिटा दूँ खुद को उसी में मान मेरा है।
मर जाऊँ हँसकर देश की खातिर देश ही इश्क़ मेरा है,
मरकर जी जाऊँ दिलों में सबके कि देश महबूब मेरा है।
चाहत भी मेरी देश राहत भी मेरी मेरे लिए देश मेरा है,
समझो सभी जो देश है सलामत तभी अस्तित्व मेरा है।
नहीं चाहिए अब कुछ और यही अरमान मेरा है,
मिल जाये कफन तिरंगे का यही सम्मान मेरा है।