अच्छा था...
अच्छा था...
हम से बयां हो न सकी, ये मासूम सी मुहब्बत,
तुम अगर समझ लेते, तो यार बहुत अच्छा था,
अभिनय में ही निकल गई, अब यार सारी जिंदगी,
उतार लेते जिंदगी में, किरदार बहुत अच्छा था...
पहली नजर में हो गए, हम तो यार तुम्हारे,
तुम भी मेरे होते तो, ये प्यार बहुत अच्छा था,
तुमने तो एक बार भी, मुड़ कर नहीं देखा,
दिल ने तुम्हें पुकारा, वो पुकार बहुत सच्चा था...
देखा एक अरसे बाद, तुम किसी के हो चुके थे,
एक ठोकर में बिखर गया, ये प्यार बहुत कच्चा था,
मेरे गीतों में तुम ही तुम हो, जिसको दुनिया गाती है,
अब तो कहने लगे है लोग, ये गीत बहुत अच्छा था...
हम होते चले गये,
तुझमे समा के खुद से,
अजनबी होते चले गये...
कोई ख्वाब लेकर नींद कभी,
आ ही जाती थी,
आंख तुमसे मिली तो,
ख्वाब कहीं उड़कर चले गये...
ना मेरे पास अब है तू, .
ना ही जमाने का साथ है,
उजड़ा हुआ दरख़्त है,
पत्ते बिखरकर चले गये...

