कर लेती हूँ
कर लेती हूँ
जिंदगी कभी कभी कुछ ऐसे मोड़ पे आ जाती है की...
उसको संभालने में ही इंसान अपने आप को खोने में चला जाता है।
(सबकी अपनी कहानी है)
वो ऐसा है, वो वैसा है,
कौन जाने, कौन कैसा है!
इतना ना किसी की जिंदगी में झांका करो,
दुसरो पर उंगली उठाने से पहले,
खुद को उस जगह पर रखकर आंका करो।
किनारों पर बैठकर,
यूं ना अंदाज़े लगाया करो,
जिस बात का पुरा पता नही,
उसको ना बताया करो!
सबकी अपनी-अपनी जिंदगी,
और अपनी-अपनई कहानी है!
किसी के होंठों पर मुस्कान...
तो किसी की आंखों में पानी है!
दिन गुजरता है बस
उन की ही यादों से
उन के खयालों से
उन की ही बातो से
यारो मैं रोशन अश्को से
रात गुजारा करती हूँ
सोता हूँ जब भी ख्वाबों
मैं उनसे मुलाकात करती हूँ
मैं तो कहता नही किसी
से कुछ भी
हाल ए दिल अपना
लफ्जो से बयान करती हूँ
मैं लिखता नहीं कभी शायरी
बस दिल के जख्मों को शायरी
मैं उतार लेती हूँ।

