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श्रेया बडगे (छकुली)

Romance Tragedy Others

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श्रेया बडगे (छकुली)

Romance Tragedy Others

आखरी पन्ना...

आखरी पन्ना...

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आखिरी पन्ना तड़पेगा तुम्हारी खुशनसीबी का... 


जिस दिन हम किसी और की तक़दीर में लिखे जायेंगे... 


तुम नहीं चाहोगे हम फिर भी तुम्हें याद आयेंगे.... 


हवा के झोंकों के साथ आ कर तुम्हें छू कर गुजर जायेंगे... 


तुम पलट कर देखना चाहोगे हम फिर भी नजर नहीं आयेंगे.... 


इस बिताते हुए साल की तरह तुम्हारी जिंदगी से चले जायेंगे.... 


पर तुम्हारी यादों से कब गई ये तो शायद तू भी नहीं जान पायेगा... 


चलो एक वादा करते हैं 

जितना तुमको प्यार किया था... 


तुमसे नफरत थोड़ी सी ज्यादा करेंगे 

पर ये वादा है जो भी करेंगे हद से ज्यादा करेंगे... 


एक ख्वाब दिखा था रातों में

तेरा साथ दिखा था हाथों में... 


बात हुई थी कुछ बातों में 

तुझे समझने के लिए ज्यादा देर खामोश रही थी मैं बातों में.... 


तू समझ नहीं पाया शायद पर

मैंने बहुत कुछ बताया था तुझे एहसासों में... 


तो फिर क्यों करता था वादे जब पूरे ही नहीं करने थे कोई ख्वाब तुझे इरादों में.... 


यकीनन मैं ऐसी नहीं थी 

तुझसे मिलने से पहले बिल्कुल नहीं थी... 


पर सच कहूँ तो जीते जी देख लिया मैंने 

तेरा ही धोखा था मेरी हर ख्वाहिशों के निकलते जनाज़े में.... 




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