अकेला नही हू बस.
अकेला नही हू बस.
अकेला नहीं हूं मैं बस
खुद से मिलता नहीं हूं मैं
बेबस नहीं हूं मैं बस
दायरे से बाहर निकलता नहीं हूं मैं
अब बोलता नहीं हूं मैं
और बिना हक के कहता नहीं हूं मैं
नासमझ नहीं हूं मैं बस
समझदार बनता नहीं हूं मैं
अनजान नहीं हूं मैं बस
अपनी पहचान दिखाता नहीं हूं मैं
बेजान नहीं हूं मैं अब बस
अपनी पहचान जताता नहीं हूं मैं...
आपका हुक्म था सरकार !
नहीं होने दिया,
खुद को दुनिया का तलबगार,
नहीं होने दिया !
ऐरे गैरे को ठहरने की
इजाजत नहीं दी,
हमने दिल को दिल रखा
बाज़ार नहीं होने दिया !