मजाक
मजाक
शिवानी और सुरेश अपने नये घर में आए थे घर तो था पर वो था भूतिया शिवानी और सुरेश ने घर प्रवेश किया।
किसी के चलने की अवाज आई पर पास कोई नहीं आया। शिवानी काफी डर चुकी थी, सुरेश को पर वह अवाज न आई वह बोला- तुम्हारे कान बज रहे हैं, सुरेश और शिवानी अपने कमरे में गए सुरेश नहाने के लिए चला गया शिवानी पलंग पर लेट गई पर पलगं पर लेटते ही उसको ऐसा लगा उसके साथ कोई लेटा हुआ है। वह घबरा गई उसका पति नहा कर आया बोला-क्या हुआ ?
उसकी पत्नी बोली- मुझको नहीं रहना इस घर में कुछ तो गड़बड़ है।
सुरेश बोला- तुम फालतू में डर रही हो, यहाँ कुछ नहीं।
रात होने ने आ चुकी थी, सुरेश और शिवानी सोने को जा रहे थे। दोनों अलग-अलग करवट लेकर सो गये। शिवानी सो ही रही थी तभी उसकी शरीर में झनझनाहट सी हुई। उसको लगा सुरेश है पर वह सो रहा था। शिवानी ने अपने पीछे मुडकर देखा तो एक काली बिल्ली थी। वह डर गई।
उसने सुरेश को उठाया, बोली- मुझे डर लग रहा है। सुरेश, शिवानी को गले लगा कर सो गया और सुबह हो गई। सुबह-सुबह सुरेश को जॉब पर जाना था तो वह चाय दे ही रही थी तभी चाय ले जाते वक्त वह लाल हो गई।
सुरेश हसँने लगा वह बोला -जब हम घर में घुसे तब मैंने दोस्त से कह कर चलते पैरों की अवाज लगाई थी और जब तुम पलगं पर लेटी थी वह पलग आटोमैंटिक था तो तुम्हें ऐसा लगा कोई लेटा हुआ है। जब रात में सो रही थी वो मैं ही था जो हाथ फेरा था और काली बिल्ली जो थी वह मैं ही लाया था और चाय जो लाई हो उसको फेंक कर मैंने लाल रगं ड़ाला था। शिवानी को काफी गुस्सा आया बोली- तुम पति नहीं शैतान हो।