एक लत
एक लत
महेश जो एक 28 साल का एक युवक था जो नौकरीपेशा नही था जो दिल्ली का रहने वाला युवक था घर का इकलौता होने के कारण उसको काफी चीजे झेलनी पड़ती थी एक दिन महेश इंटरव्यू के लिए जा ही रहा था. रास्ते मे चलते चलते. एक लड़की बालकनी से महेश को बुला रही थी वह काफ़ी डर गया वह लड़की उसको क्यों बुला रही हैं वह लड़की बहुत घबराहट मे थी ओर बहुत ही कम कपड़ो में थीं वह देख कर हैरान हो गया मन मे बोलने लगा क्या अजीब लड़की है।
वह ऊपर गया ओर सोच मे पड़ गया ऐसा क्या करेगी. वह कमरे में लड़की कपड़े उतारने लगी ओर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने लगी वह समझ गया कि उसको सेक्स की भूख है तभी तुरंत घर की डोर बैल बजती ओर दोनो काफी डर जाते ओर लड़की के माता पिता दोनो अंदर आ जाते लड़की के घर वाले इतने हैरान नही होते क्योंकि उसके घर वालो ने बताया कि मेरी लड़की को सेक्स एडिशन है. लड़की के घर वाले यह बताते कि मेरी बेटी गलत संगत मे पड़ गई थी ओर गलत काम में लग गई थी क्योंकि उसके दोस्तो ने इसको गलत संगत सीखा दी थी।
महेश बोला - तो आप इसकी शादी को नही करवा देते।
उसके मां पिता बोले - शादी तो कर देगे लेकिन गैर मर्दों से इसके संबंध बन जायेगे ओर इसका पति भी इसको छोड़ सकता हैं इसलिए इसको घर में बंद करने का फैसला लिया।
महेश बोला - आप मेरे से इसकी शादी करवा दो मैं आपकी लड़की को पूरा परफेक्ट कर दुँगा. कुछ दिनो के अंदर ही महेश ओर निशा की शादी हो जाती।
निशा के अच्छे भविष्य के महेश के हालात देखते हुए दोनो को एक फ्लैट दिया।
ओर ये बोले तुम ज्यादा से ज्यादा समय मेरी बेटी के साथ बिताओ बेशक काम भी मत करो।
क्योंकि निशा के परिवार वाले बहुत से बिजनेस चलाते थे जिससे पैसों की किसी भी तरह की कमी नही हो सकती थी ऐसा ही हुआ निशा ज्यादा से ज्यादा संबंध बनाने लगी लेकिन महेश काफी शारिरीक रूप से कमज़ोर होने लगा क्योंकि किसी का भी हद से ज्यादा इस्तेमाल नुकसान कर सकता हैं लेकिन निशा की सेक्स की भूख खत्म ही नही हो रही।
निशा के अंदर भक्ति प्रेम दीया जलाना ही होगा. निशा को वृंदावन के मंदिर कभी कभी उस मंदिर जिससे उसकी आत्मा शुद्ध हो।
एक दिन वह किसी बाबा के पास लेकर गए वह बोले देखो शारीरिक संबंध एक आम बात है ये भी हमारे शरीर के लिए जरूरी है ओर ज़वानी में ये होना बहुत आम बात है बस लोगो ने इसको गलत मतलब निकाल रखा है वृद्ध अवस्था में वैसे भी ये ऊर्जा खत्म हो जाएगी तुम अपनी शारीरिक शक्ति कमज़ोर मत करो बस इसको बढ़ाते रहो. उस बाबा की बात सुनकर महेश को काफी अच्छा लगा कुछ दिनो बाद निशा सही होने लगी ओर उसकी शारीरिक भूख भी कम होने लगी लग रहा था किसी चमत्कार से कम नही।
निशा के घर वाले भी ये देख काफी खुश हुए ओर दोनो अपनी अच्छी सी जिंदगी जीने लगे।
शिक्षा : जितना आप अपनी इंद्रियों को कंट्रोल करोगे उतना ही वह आपको कंट्रोल करेगा।