ना दोहे, ना शेर, ना शायरी पसंद है, कवि हूँ, बस कविता पसंद है ।
Share with friendsअमित को अपने हाथ मे कुछ महसूस होता हैं । वो उसको देखता नहीं हैं और मुट्ठी बन्द कर लेता है।
Submitted on 27 Jun, 2020 at 14:01 PM
रघुकुल का दिया गया वचन निभाने के लिए शांता अंगदेश की राजकुमारी बन गईं।
Submitted on 03 Jun, 2020 at 15:26 PM
वो व्यक्ति बोला कि महाराज आप व्यासपीठ पर हो और मेरे चरण पकड़ रहे हो
Submitted on 20 May, 2020 at 08:57 AM
वो वहीं रुक गई और हम वहाँ से सही सलामत वापस अपने घर पहुंच गए।
Submitted on 18 May, 2020 at 19:06 PM
इस तरह मेरी जान भी बची और शहर भी श्राप मुक्त हो गया।
Submitted on 18 May, 2020 at 18:54 PM
आख़िर जिम्मेदार कौन ? शहर या सरकार या फिर हम ?
Submitted on 18 May, 2020 at 18:50 PM