ना दोहे, ना शेर, ना शायरी पसंद है, कवि हूँ, बस कविता पसंद है ।
जो हो गई गलती उसे माफ करते है, आओ चलो एक नई शुरुआत करते है ।
#कविता ना दोहे, ना शेर, ना शायरी पसंद हैं, कवि हूँ, बस कविता पसंद हैं । By- AK_KAVI
ना दिल धड़का, ना नज़रे मिली, फिर भी ना जाने क्यों वो दिल में बस गया । By- AK_KAVI