जीत
जीत
एक निशान नहीं
एक स्याही की बूंद भर नहीं
है एक विश्वास
विकास का।
सुरक्षा का
सम्मान का
अधिकार का और
कर्तव्य का भी।
देश के प्रति
लोक के तंत्र की
जीत का भी।
उंगली पर लगी ये
बून्द भर स्याही
आज सार्थक हुई....।
एक निशान नहीं
एक स्याही की बूंद भर नहीं
है एक विश्वास
विकास का।
सुरक्षा का
सम्मान का
अधिकार का और
कर्तव्य का भी।
देश के प्रति
लोक के तंत्र की
जीत का भी।
उंगली पर लगी ये
बून्द भर स्याही
आज सार्थक हुई....।