तलहटी
तलहटी
रखी हुई हैं कुछ यादें
मन की तलहटी में
सबसे छुपाकर
चाय के कुछ कप है
जिनमे गर्म चाय के साथ
प्रेम की ऊष्मा से भरी
बातों की मिठास घुली है।
कुछ मुस्कुराती
तस्वीरें है
हाथों में हाथ डाले
जलमहल और
कुतुबमीनार पर
घूमती हुई
एक दूसरे में खोई सी।
केंडल लाईट डिनर पर
मोमबत्ती की लौ के
आर-पार झाँकती
प्यार में समर्पित
दॄष्टि की।
इस बार आओगे तो
हम दोनों उतरेंगे
तलहटी में
और जिएंगे वो सारे पल
दुबारा, साथ में
वक्त की लहरों में जो
छूट गए थे हाथ से।