STORYMIRROR

Neerja Sharma

Drama Others

5.0  

Neerja Sharma

Drama Others

माँ

माँ

1 min
12.5K


माँ! मैं पतंग हूँ तेरी

मेरी डोर थामे रखना

कितना भी उड़ जाऊं

जमीं से बांधे रखना।


सिखाया है तुमने

ऊँचे-ऊँचे जाना

ऊँचाई पर पहुँच

स्वयं को बचाना।


आशीर्वाद कवच मेरा

संस्कार मेरी ढाल

विश्वास जीने की आस

तुम साँसों की श्वास।


मेरी डोर तेरे हाथ

मेरा माँझा तेरी तराश

न झुकूँगी न कटूँगी

उड़ूँगी ऊँचे आकाश।


रोशन होगा सारा जहाँ

चमकेगा तेरा भी नाम

बेटी नहीं किसी से कम

मानेगा फिर हर इंसान।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama