यादों में मेरी नानी : #SMBoss
यादों में मेरी नानी : #SMBoss
"मां" की आंखों से देखा
जैसे मां की छवि उनमें थी
हां वो मेरी "मां" की "मां" ही थी
जो हम सबके बीच नहीं
पर है दिलों में रची-बसी
उन्हें गुजरे जमाने हुए
पर लगा कल की बात थी
जब आप हमारे साथ थी
"नानी" शब्द की गहराइयों में जाना
बस प्यार स्नेह की देवी थी वो
बिन दांतों से पास बुलाती थी वो
छोटे बच्चे सी लगती थी वो
उनके किस्सों में बचपन था लौट आता
जैसे सादगी मासूमियत की मूरत थी वो
ऐसी हमारी नानी थी वो
पर क्यूं आज सब बीते किस्से हो गये
क्यूं उनके साथ बिताए वक़्त बीते लम्हे हो गये
क्यूं उनका वजूद यादों में ही रह गये
शायद यही है जीवन की सच्चाई
जो हम सबको देर सबेर है समझनी
पर क्या कहूं "मां" से
तुमने अपनी "मां" तो मैंने "नानी" है खोया
शायद मां अब "मैं" बड़ी हो गई
तुम्हारे दर्द को हूं समझने लगी
तुम्हारे आंसुओं को पोंछ सकूं
बस इतनी काबिल अब बना सकूं
दिल में अब सुकून सा
साथ नहीं पर दिल में आप हो
यही जीवन है तो चलो इसे मान लो
आओ इस बिखरे बिखरे से जीवन को
खुशियों से स्वीकार करो!!!