इश्क
इश्क
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इश्क की डोर से बंध जाऊं "इश्क" से
सजदा करूं इबादत करूं
दुआओं की महफिल सजाऊं तेरे इश्क में
चांदनी सी बिखर जाऊं तेरे जर्रे जर्रे में
शबनम की बूंदों सी सिमट जाऊं तेरे पलकों में
तेरे अधरों की साज बन नज्म गुनगुनाऊं
भोर की लाली सी शरमाऊं
ढ़लती सांझ की अंगराई में
समां सी तुझमें रौशन हो जाऊं
रंग जाऊं पिया तेरे इश्क में
सिंदूरी हो जाऊं तेरी हो के।