Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Manish Solanki

Tragedy Fantasy

4  

Manish Solanki

Tragedy Fantasy

तुम सुनोगी क्या ?

तुम सुनोगी क्या ?

1 min
336


मैं बताऊंगा दर्द अपने तुम सुनोगी क्या ?

ने रूठा करूंगा कभी कभी तुम मनाओगी क्या ?

मैं चुप्पी ठान लूंगा कभी कभी, तुम मुझसे बाते करोगी क्या ?


मैं हो जाऊं जब अकेला राहों पे,तुम हमसफर बन आओगी क्या ?

मैं हो जाऊं अगर उदास कभी, तब तुम मुझे हँसाओगी क्या ?


मेरी हर खुशियां की भागीदार और मेरी हर ख्वाइश का हिस्सा तुम बनोगी क्या ?

"मैं भुला दूंगा तेरे खातिर इस जहां को, तुम मेरा जहां बन पाओगी क्या ?" 

मुझे पसंद नही हे सजने संवर ने वाली लड़किया,

तुम माथे पे सिर्फ काली बिंदी और सफेद सलवार पहनकर घूमने आओगी क्या ?


बोलना वैसे ज्यादा पसंद नही हे मुझे,

लेकिन जब भी कुछ कहना चाहु तुम सुनोगी क्या ?

अक्षर शाम मेरी तनहाई मैं गुजरा करती हे,

उस शाम मैं टहलने मेरे संग नदिया के किनारे आओगी क्या ?


कभी कभार थक जाता हूँ मैं जिंदगी से,

तब एक सुकून बन पाओगी क्या ?

राहों मैं बहुत ठोकरें आती हे मेरी, गिर के संभल भी जाता हूँ मैं,

लेकिन कभी कभी मेरा सहारा बन के मुझे संभाल लोगी क्या ?

लिखता रहती हूँ मैं अक्षर कविताएं,

उसको पढ़के झूठी ही सही तारीफ तुम करोगी क्या ?


पसंद हे मुझे तेरे संग जिंदगी बिताना,

तुम भी सात फेरे लेके सातों जन्मों तक का सफर कर पाओगी क्या ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy