एक सुंदर सी लड़की....
एक सुंदर सी लड़की....
एक सुंदर लड़की से में यूं ही मिल आया था
वो भी वक्त निकालकर वक्त बिताने आई थी।
उसके कहने पर में इम्तहान पास कर आया था
और मेरे कहने पे वो काली बिंदी लगा के आई थी।
मैं बैठा हुआ था लिखने कविताएं मेरी
उसकी आंखों ने ही शब्दों की कतार लगाई थी।
मैं कहना चाहता था बात मेरे दिल की
यहाँ तो वो ही दिल की बात बयां कर गई थी।
मेरी महफिल में मेहमान बन के वो आई थी
वक्त जाते पूरी महफिल की शान वो बन गईं थी।
सुभा उठते और रात को जागते वक्त बस उसी का खयाल रहता था
हर वक्त दिल और जहन में बस उसी का नाम रहता था।
बाते इतनी की थी, की क्या बाते हुई सब भूल गया था
उसकी आंखों में क्या डूब गया, तरवैया भी तैरना भूल गया था।
दोस्ती इस कदर हमारी हो गई थी ( आज भी हे) की
उसकी आंखें हर वक्त मेरे इंतजार में पलकें थमाए रखती थी।
उसके कानों में लटकने वाले वो झुमके भी उसका साथ पाकर हर वक्त चमकते रहते थे,
उसके पायलों की आवाज भी हर वक्त मधुर संगीत सुनाए रहते थे।