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Pinki Khandelwal

Romance

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Pinki Khandelwal

Romance

तेरी यादों की बारिश मैं...।

तेरी यादों की बारिश मैं...।

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तलाशती हर जगह तुझे मेरी नजरें है,

पास है फिर भी न जाने कितनी दूरियां है,


इससे अच्छा तो वहीं फासले सुहाने थे,

जब मुझे तुझसे और तुझे मुझसे मिलने की खुशी होती थी,


अब तो पास होकर भी कहां साथ है,

बस कहने को हम साथ साथ है,


पर दिल जानता है हम कितने पास हैं,


अब तो तेरी यादों को समेटे हुए हूं,

जब साथ रहते थे उन पलों में जिंदा हूं,

उन यादों की बारिश में भीगे रहता हूं,


जानता हूं तू भी बेचैन है पर फिर भी हम दूर है,

बहुत दूर...

बस नजरों के सामने है फिर भी लगता नजरों से दूर है,


ये कैसी बेबसी और लाचारी है,

जो पास होकर भी इतनी दूरियां है,

शायद यही कुदरत का खेल है,

जो चाहकर भी पास आ नहीं पाते,

और देखें बिन रह नहीं पाते।



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