शायद मैं परेशान हूँ
शायद मैं परेशान हूँ
कैसी घड़ी है
दुविधा घेरे खड़ी है
अनजानी उलझन है
शायद मैं परेशान हूँ।
आज इस मोड़ पर
दुख के इस छोर पर
मैं हैरान हूँ
शायद मैं परेशान हूँ।
वक्त के साथ लोग
पीछे छूट जाते हैं
पर मीठी यादों को
भुला नहीं पाते हैं।
मीठी यादों के घेरे में
आज मैं हैरान हूँ
शायद मैं परेशान हूँ।
इंसान खुशी का
कैसे करें एहसास
झूमे गाए
ना हो उदास।
जिंदगी की छोटी-छोटी
बातों से होता है
खुशी का एहसास।
जब तुम जिसे चाहते हो
वह रहता है तुम्हारे पास।
खुशी है वह चीज
जो हर गम भुला दे
आँसुओं को
रोक दे पल में हँसा दे।
यह कैसी रीत है
कैसा है फसाना
तुम्हें हमें छोड़कर
दूर है जाना।
जहां भी जाओगे
ना हम भूल पाएंगे
ना तुम भूल पाओगे।
सोचती हूँ तुम्हारे जाने से
कितना अकेला पाती हूँ मैं
बीते लम्हों को याद करके
शायद मैं हैरान हूँ
लगता है आज मैं परेशान हूँँ।।