STORYMIRROR

सतीश कुमार मीणा

Drama Romance

4  

सतीश कुमार मीणा

Drama Romance

साँवली सूरत और मोहिनी मूरत

साँवली सूरत और मोहिनी मूरत

1 min
352

साँवली सूरत, उसकी मोहिनी मूरत, और 

नैन नक्श कजरारे, मन में उतार लू़ं। 

जुल्फो की छाँव में, यूं सपनो के गाँव में,      

ह्रदय की धड़कन को मैं सुरो में सवार लूं।

साँवली सूरत........... 


उसके यौवन की चंचल काया को,

इस हिय में बसाऊंगा प्रेम के लिए, ,

मन है पावन, फिर भी आँखों में सावन,

फिर भी गंगा में नहाऊंगा, प्रेम के लिए, ,  

जब चाँद उगे गगन में, वो भी जले अगन में,

मेरा चाँद मन में है तो उसी को नीहार लू़ं। 

साँवली सूरत  ...........


तक -तक नैन लडे़, मन भी उछल पडे़,

उस रंग रंग जाऊंगा प्रेम के लिए, ,  

फूल भरी सेज खिले, दो हिय की डोर मिले 

बांहों में बंध जाऊंगा, प्रेम के लिए, ,  


गदराए तन वाली, आफू सी वो मदवाली, ,  

यौवन के उस नशे में, इस मन को निथार लूं।

साँवली सूरत........... 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama