नयी उम्मीद नयी आशा
नयी उम्मीद नयी आशा
रात में सोते समय सारी चिंताएं,
घनी नींद के तले दबा देता हूं।
नयी उम्मीद नयी आशा लिए,
मैं उमंगों के पंख लगा लेता हूं।।
कर्मों का हिसाब बराबर नहीं है,
फिर भी आगे बढ़ता जा रहा हूं।
लक्ष्य बनाना मेरा काम नहीं है,
फिर भी सफलता पाए जा रहा हूं।
इसे किस्मत कहो या वक्त सही,
बस! समय के साथ चल देता हूं।
नयी उम्मीद नयी आशा लिए,
मैं उमंगों के पंख लगा लेता हूं।।
उड़ान भरने की हिम्मत नहीं थी,
वो तो साहस कहीं से आ गया।
मैं तो बेकारी की कतार में था,
पर बुलंद हौसला कहर ढा गया ।।
मैंने अभ्यास के पैर नहीं छोड़े,
शिखर तक झंडा फहरा देता हूं।
नयी उम्मीद नयी आशा लिए,
मैं उमंगों के पंख लगा लेता हूं।।