दिल हमारा मानता नहीं !
दिल हमारा मानता नहीं !
दिल हमारा मानता नहीं, .... टेक
बिटिया हमारी
यूँही बड़ी हो जायेगी
छुपा -छुपी खेलती तू बिटिया
आज हमसे यूँही छुप -छूट जाएगी !
दिल हमारा मानता नहीं, .... टेक
बात करे क्या तेरे नाजः-शरारत की ,
बिटिया अभी तो दिल भरा नहीं
बारबि डोल घर हमारे -खेलते खेलते
अपने पियाके घर हमें छोड़के तू चली .
दिल हमारा मानता नहीं, .... टेक
तू है हमारी दिलकी धड़कन
सात फेरे बिटिया, तू क्या चली
जैसे समंदर सात दूर चली
माना तू थी ही पराया धन।
