सब्र की मुनाजात
सब्र की मुनाजात
अल्लाह की रहनुमाई जब साथ होती है,
हर राह रोशन, हर बात होती है।
गहराइयों में गिरकर भी जो संभल जाए,
उसकी तक़दीर खुद मीलों तक चलती है।
जो सच्चे दिल से इबादत में डूबा रहे,
उसकी दुआ भी सितारों में लिपटी मिले।
वो जो हर दर्द को सजदा समझ ले,
उसके सजदे से रहमत की बारिश गिरे।
ग़म के अंधेरों से मत डरना कभी,
रौशनी बस सब्र का इम्तिहान माँगती है।
हर आँसू के पीछे इक नेमत छुपी,
हर रात की कोख में एक सुबह जागती है।
बस अपने दिल को यक़ीन से भर लो,
हर मुश्किल से पहले आसां लिखा है।
अल्लाह पे रख लो जो सारा भरोसा,
तो हर सज़दा ही कुरबां लिखा है।
सब्र करो, यक़ीन रखो, रोशनी करीब है...
