क्यों है??
क्यों है??
हे भगवान! आज का हर इंसान,
इतना मजबूर क्यों है ?
हर इंसान अपने ज़मीर और आत्मा से,
इतना दूर क्यों है ?
जो मांगता है विवाह के नाम पर दहेज,
वो गुनाहगार होकर भी इतना बेकसूर क्यों है ?
जब दे ही दिया कन्या का महादान,
तो फिर दहेज लेने का ये दस्तूर क्यों है ?
जब कन्या को यहां देवी मानकर पूजा जाता है,
तो फिर बेटी बनकर जन्म लेना ही,
उसका सबसे बड़ा कसूर क्यों है ?
जब इंसान अपनी सोच का नज़रिया बदल नहीं सकता,
तो हर तरफ़ समाज बदलो का शोर क्यों है ?
हे भगवान! आज का हर इंसान,
इतना मजबूर क्यों है ?
हर इंसान अपने ज़मीर और आत्मा से,
इतना दूर क्यों है ?