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Kumar Sonu

Drama Tragedy

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Kumar Sonu

Drama Tragedy

सब्र तो कर

सब्र तो कर

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मेरे हालात पर चुस्की ले लेना बेशक,

मगर थोड़ा सब्र तो कर ले ऐ मेरे दोस्त।

मै अंगीठी पर खौलती चाय हूं अभी,

पहले तेरे प्याले में छन तो लूं।


तेरे मजलिस का ख़ास मसला रहूंगा मै,

मगर थोड़ा सब्र तो कर ले ऐ मेरे दोस्त।

अभी मुकाम अधूरे हैं बहुत सारे,

पहले मैं कुछ बन तो लूं ।


तू गले मिलने की ज़िद कर बैठा है,

मगर थोड़ा सब्र तो कर ले ऐ मेरे दोस्त।

तेरे आस्तीन में छुपाए खंजर देखा है,

पहले मैं कोई कवच पहन तो लूं।


और ज़िद कर बैठा है मेरी हस्ती मिटाने को,

मगर थोड़ा सब्र तो कर ले ऐ मेरे दोस्त।

मेरी लाश को चील कौवे नोच खाएंगे,

पहले मैं अपनी कब्र खन तो लूं।


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