आपकी आभा है मुझमें
आपकी आभा है मुझमें
दर्पण पर जो ठहर गया नज़र,
घूरता रहा खुद को जी भर
कुछ कुछ आपसे साझा है मुझमें
पापा आपकी आभा है मुझमें
मुसीबतों से देखा जब लड़ कर,
छुपा था दिल में हौसलों का समंदर
पर जो है बस मानो आधा है मुझमें,
पापा आपकी आभा है मुझमें
ग़रीबी का आप सा न देखा मंजर,
भुखमरी में कैसे बटोरते हैं अक्षर
ये इतिहास अभी ताजा है मुझमें,
पापा आपकी आभा है मुझमें
सदैव चलूं आप के बताए पथ पर,
दिए उसूलों का अनुकरण कर
अब बस यही इरादा है मुझमें
पापा आपकी आभा है मुझमें।