बाॅडर ए किसान
बाॅडर ए किसान
भारत में है एक स्थल,
जहां सांस सभी की अटकी है,
जो है देश में मुख्य पटल,
आज वही जगह से भटकी है,
कोई कहीं और कोई किसी पर,
तंज शिकंजे कसता है,
जरा पता करो तुम राजधानी में,
ये धूंआ कहां से उठता है,
ये धूंआ कहां से उठता है,
जी हां धूंआ कहां से उठता है।
