रोशनी का त्यौहार
रोशनी का त्यौहार
दीपावली है रोशनी का त्यौहार।
दीपोत्सव भी कहलाता है यह त्यौहार।
अंधकार पर प्रकाश की विजय ही तो,
सदा दर्शाता है रोशनी का यह त्यौहार।
पहली बार अयोध्या में मनाया गया था।
रोशनी का यह त्यौहार।
14 वर्ष के वनवास के बाद सीता जी, राम जी और
लक्ष्मण जी के अयोध्या आगमन पर,
मनाया गया था रोशनी का यह त्यौहार।
तब से भारतवर्ष का है यह सबसे बड़ा त्यौहार।
कार्तिक मास की अमावस्या को,
मनाया जाता है रोशनी का यह त्यौहार।
लक्ष्मी-गणेश को पूजने का है यह त्यौहार।
जहाँ यह शुरू हुआ उस अयोध्या में सिर्फ़,
दो साल ही मनाया गया था रोशनी का यह त्यौहार।
किसानों के लिए तो,
खरीफ़ की फसल पक कर तैयार हो जाने के कारण।
खेत-खलिहान समृद्ध हो जाने के कारण।
समृद्धि का है यह त्यौहार।
असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय॥
अर्थतः
असत्य से सत्य की ओर।
अंधकार से प्रकाश की ओर।
यही तो चरितार्थ करता है रोशनी का यह त्यौहार।
रोशनी का यह त्यौहार।
