" बरसात का मौसम जब भी आती है "
" बरसात का मौसम जब भी आती है "
बरसात का मौसम जब भी आती है,
वो ढेरों खुशियाँ लाती है ।
ये प्यासी धरती की वो प्यास बुझाती है,
मिट्टी की भीनी सुगंध को फैलाती है ।
ये आकाश कि उस भीषण गर्मी से बचाती है,
वो शीतलता हमें दे जाती है ।
मुसलाधार प्रहारों से पतझड़ को भगाती है,
ये बहारों का मौसम लाती है ।
चारों ओर हरियाली फैलाती है,
नदियों का पानी को बढाती है ।
तालाबों को भर सी जाती है
बारिश के चलते ही खेती हो पाती है ।
किसानों के होंठों पे प्यारी मुस्कान ये लाती है,
रिमझिम फुहारों से सुखा मिटाती है ।
मोरों को नचाती है
पहाड़ों में फूल खिलाती है ।
बीजों से नए पौधे उगाती है।
बरसात का मौसम जब भी आती है ”
