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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

" बरसात का मौसम जब भी आती है "

" बरसात का मौसम जब भी आती है "

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बरसात का मौसम जब भी आती है,

वो ढेरों खुशियाँ लाती है ।

ये प्यासी धरती की वो प्यास बुझाती है, 

मिट्टी की भीनी सुगंध को फैलाती है ।


ये आकाश कि उस भीषण गर्मी से बचाती है,

वो शीतलता हमें दे जाती है ।

मुसलाधार प्रहारों से पतझड़ को भगाती है,

ये बहारों का मौसम लाती है ।


चारों ओर हरियाली फैलाती है,

नदियों का पानी को बढाती है ।

तालाबों को भर सी जाती है 

बारिश के चलते ही खेती हो पाती है ।


किसानों के होंठों पे प्यारी मुस्कान ये लाती है,

रिमझिम फुहारों से सुखा मिटाती है ।

मोरों को नचाती है 

पहाड़ों में फूल खिलाती है ।


बीजों से नए पौधे उगाती है।

बरसात का मौसम जब भी आती है ”


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