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Madhu Gupta "अपराजिता"

Fantasy Inspirational

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Madhu Gupta "अपराजिता"

Fantasy Inspirational

"आज फिर किया जीवन शुरु"

"आज फिर किया जीवन शुरु"

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आज फिर एक बार शुरू की जिंदगी 

आज किया मेडिटेशन और प्राणायाम

और फिर बालकनी खोल....भाव-विभोर हो देखा

उगता हुआ सूरज

और फिर दोनों मुट्ठियों में भर दाना.....

धीरे-धीरे उन मुट्ठियों को खोल, 

कबूतरों को दिया खिला

और देख उनको

मुस्कराती रही कुछ पल

आज फिर यादों के लगा पंख

उड़ती रही यहाँ से वहाँ

आज फिर बालकनी के कोने में खड़े होकर 

हर घर का किया खड़े- खड़े मुआयना

आज उठाया एक बच्ची को गोद में 

और उसकी किलकारी में ढूंढ ली अपनी हंसी 

आज फिर खुद को मनाया... 

और दर्द को कर दिया खुद से रुख़्सत

आज झूठ को खामोशी से देखती रही

और सच को भी जानने की कोशिश करती रही

आज दोस्तों की बाते याद कर

उनके संदेश आने का करती रही इंतजार

आज फिर गुनगुनाया अपना मनपसंद गाना 

और झूम उठी उस गाने पे.....

बिना किसी बंदिश और रोक टोक के

आज फिर किया जीवन शुरू.....!! 



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