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aazam nayyar

Abstract Romance Fantasy

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aazam nayyar

Abstract Romance Fantasy

मेरी रानी

मेरी रानी

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उसने नहीं किया मेरा क़बूल है!

मैंने जिसे भेजा उल्फ़त का फूल है 


कैसा है दोस्ती का दौर देखिए 

लगता वफ़ा मुहब्बत का वो मूल है 


मैं भेजता हूँ जिसको फूल प्यार का

आते उधर से नफ़रत के त्रिशूल है 


अपना कहा जिसे था दोस्त सच्चा ही

उसकी तो दोस्ती निकली वो शूल है


उल्फ़त के फूल कैसे फिर खिले यहां 

की देखो उड़ रही नफ़रत की धूल है 


करता हूँ प्यार से मैं बात उससे ही

करता वही बातें आज़म बबूल है

आज़म नैय्यर 


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