तेरा एहसास
तेरा एहसास
तुम भी अकेले थे हम भी अकेले थे
फिर एक रोज उस खुदा ने हमें मिलाया था,
ढूंढ लिया था हम दोनों ने एक दूसरे में अपना हमसाया सा,
जब भी हुई उदास में तुमने गले से लगाया था,
चुमके मेरा सर मेरे खास होने का एहसास कराया था,
मेरे आंसू में रोए तुम मेरी हंसी में खिल खिलाए भी,
मेरी हर नादानी के साथ मुझे अपनाए भी,
बहुत खास होते हैं वह लोग जो दिल
और दुआओं में एक साथ बसते हैं।,

