STORYMIRROR

Jahanvi Tiwari

Tragedy Thriller

4  

Jahanvi Tiwari

Tragedy Thriller

तुम कहां थे?

तुम कहां थे?

1 min
254


  तुम कहां थे ?

रात भर रोती रही मैं,

रात में तन्हाइयों में,

दर्द में रुसवाइयों में,

ये बताओ तुम कहां थे ? 


जब तुम्हारे दिए दर्द से दिल हमारे जल रहे थे,

बनके वो नासूर हरदम आत्मा को छल रहे थे,

तो बताओ तुम कहां थे ?


दुनिया की ये तीखी नज़रे तानो का प्रहार करती,

नाम तेरा लेके मुझपे ओछा तीखा वार करती,

मैं तो थी ताउम्र तेरी, जब तुम्हारी आई बारी,

तो बताओ तुम कहां थे ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy