कभी-कभी
कभी-कभी


कभी कभी दिल का दर्द भी
होठों पर मुस्कान बन कर उभर आती है ।
जब दर्द अपनों की मेहरबानी से मिली हो
तो बहुत छोटी नजर आती है ।
दो बोल प्यार के जो हंस के बोल दे कोई
क्या कहें दिल को वो कितना भाती हैं।
दिल में आता है भुला दूं तुझे हमेशा के लिए
फिर भी तू बन कर बूरी याद दिल में रह जाती है।
जी में आता है पूछ लूं उस खुदा से ये सवाल
तुझपे भरोसा करने वाले की जिंदगी में
ये इम्तिहान की घड़ी क्यों आती है ?