अनकहे जज्बात
अनकहे जज्बात
तेरा जिक्र ना हो ऐसी कोई बात नहीं,
तुझे याद कि बिना जो ढल जाए ऐसी कोई रात नहीं।
यूं तो मिल जाते हैं दुनिया में कई लोग,
तेरे सिवा किसी और से जुड़ जाए ऐसे जज्बात नहीं।
आती है मेरे जेहन में यादें कई बातें कई ,
जिनमे तू ना हो जहन में ऐसा कोई खयालात नहीं ।
हर वक़्त हर पल तू साथ है मेरे हमदम ,
फर्क क्या पड़ता की हाथों में तेरा हाथ नहीं।
दिल , जज्बात , ख्यालों में मिला करते हैं ,
शयद नसीब में लिखा अपना साथ नहीं।