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JAYANTA TOPADAR

Romance Fantasy Inspirational

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JAYANTA TOPADAR

Romance Fantasy Inspirational

पावस...

पावस...

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वो क्या मौसम है!

हरेक बूंद में एक कशिश है...

दिल में दबी-दबी कोई आग-सा

जलता है, मगर

कहीं धुआं नहीं उठता।


कहीं इज़हार-ए-मोहब्बत की तपिश,

तो कहीं अल्फाज़ निकलता नहीं...

किसी को एहसास-ए-मोहब्बत है,

तो कहीं आँखें नम हैं...!

कब तक यूँ बारिश में शायर का

शायराना अंदाज़-ए-बयां होगा...?

किस इंतज़ार में है वो तन्हा दिल,

जिसे किसी दिल में समाने का बहाना

नहीं मिलता...?


जब-जब भी पावस की बूंदों में

ये खूबसूरत दिल जलेगा,

तब-तब उस नीले आसमां में

ग़म की घटा छायी रहेगी...


हर साल पावस का आगमन होगा,

हर बार कोई-न-कोई दिल रोएगा...

लेकिन फिर भी कहीं-न-कहीं

एक आस लगी रहती है दिल में

कि एक-न-एक दिन मौसम रंग लाएगी...



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