महिला सशक्तिकरण
महिला सशक्तिकरण
अंतरिक्ष पर मैं जाऊं,
दुनिया तुम्हें दिखाऊं,
चरखा चलाए दादी....
मामा को भी बताऊं।।
कमजोर ना समझना,
मुझको नहीं परखना,
जबरन नहीं खुशी है....
साड़ी में यूं लिपटना।।
दुर्गा भी हूं काली भी,
सूरज की मैं लाली भी,
अपना हो या पराया....
परिवार का माली भी।।
जिस क्षेत्र में मैं जाऊं,
जीत के ही आऊं,
रखूं मैं सोच ऐसी....
रचना नई बनाऊं।।
