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हो चाहे तुलसी, सूरदास या कबीर रसखान हो मैं सबमें जिंदा थी और हूँ, सबसे ही मेरा मान हो। हो चाहे तुलसी, सूरदास या कबीर रसखान हो मैं सबमें जिंदा थी और हूँ, सबसे ही मेर...
सच को हक नहीं, कि बोले वो और झूठ खूब चिल्लाएगा। सच को हक नहीं, कि बोले वो और झूठ खूब चिल्लाएगा।
पल भर बाद तू पछताएगा बुढ़ापे की भी तैयारी रख पल भर बाद तू पछताएगा बुढ़ापे की भी तैयारी रख
मेरी राख को जब भी कुरोदोगे तुम याद आएँगे गुज़रे वो पल शायद। मेरी राख को जब भी कुरोदोगे तुम याद आएँगे गुज़रे वो पल शायद।
जब-जब डरो भीड़ से तुम, तब आगे मुझे बढ़ाना जब-जब डरो भीड़ से तुम, तब आगे मुझे बढ़ाना
हम लगाते रहे अश्ज़ार, किसी और के तवक्कल में। हम लगाते रहे अश्ज़ार, किसी और के तवक्कल में।
पतझड़ कभी जो आया, सावन में हम खिले फिर पतझड़ कभी जो आया, सावन में हम खिले फिर
कुछ भोले बन मुस्काते हैं और किस्से बड़े सुनाते हैं। कुछ भोले बन मुस्काते हैं और किस्से बड़े सुनाते हैं।
कुछ क्षण में फिर देखा तो वो बुला रही थी कुछ क्षण में फिर देखा तो वो बुला रही थी