मस्त रहो अपने में, दुनिया को भूल जाओ अच्छा करोगे तो भी कहेगी कि कुछ तो गड़बड़ है वरना इतना अच्छा कौन होता है😀 😊सिद्धी दिवाकर बाजपेयी😊
ज्यादा काबिल बनने की दौड़ में हम खुद को काफी पीछे छोड़ आए। हर कदम पे अपने डर को अपनी जेब में लिए घूमते हैं। कहते हैं कि हौसलों में बुलंदियाँ नहीं होती। कभी तसल्ली से बचपन के रेत के मकानों को सोच लेना। और अगर मन कभी थक जाए तो उस नाँव को ज़रूर सोचना जो आज भी उसी समंदर में मस्ती से झूमती हुई आगे बढ़ रही है जहाँ गहराइयों में डूबने के डर से तुमने कभी मुड़के नहीं देखा।- सिद्धी दिवाकरबाजपेयी