रिश्ते
रिश्ते
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झूठी न दिलदारी रख
सच्चे दिल से यारी रख
चोट न दे तू बातों से
अरे! इतनी तो समझदारी रख!
पल भर बाद तू पछताएगा
बुढ़ापे की भी तैयारी रख
मेरे सिवा न कोई तेरा
फिर ज़ुबा तो मुझसे प्यारी रख!