बरसात की तान
बरसात की तान
बारिश की रिमझिम में तेरा चेहरा जब चमकता है ,
आसमान में बिजली की तरह दिल मेरा धड़कता है ।
बूंदों की सरगम में बसी है तेरी हंसी की तान ,
हर बूंद में मैं महसूस करती हूँ तेरी खिली हुई मुस्कान ।
जब भींगी हुई रात की शीतल हवा चलती,
तेरे बालों की महक उसमें घुल सी जाती।
हर गिरती बूंद में देखता हूँ तेरा प्यार,
ये बरसात की रातें और तेरा दीदार।
कभी छत पर हम मिलकर, चाय की प्याली में डूब जाते,
तेरे नर्म हाथों की गर्मी से हम दोनों गरमाते।
बारिश की बूंदें जब गिरती हमारे इर्द-गिर्द,
हमारे दिलों की नज़दीकियां बनतीं एक नया गीत।
तेरे साथ बरसात में भीगने का वो सुकून,
मिट्टी की महक में खोया तेरा एहसास जुनून।
तेरी आंखों की गहराई में बारिश का समंदर,
प्रेम की इस बरसात में मैं हूँ तेरे ही अंदर ।
आओ, इस बारिश में फिर से गुम हो जाएं,
प्रेम की इस बौछार में खो जाएं।
तेरी बाँहों में सिमट कर, मैं बस यही चाहूं,
कि इस बरसात में हमारा प्यार कभी न सूखे,
हर बूंद में सिर्फ तेरे प्यार का रंग चढ़ा रहे।

