STORYMIRROR

Kaushik Dave

Fantasy Others

4  

Kaushik Dave

Fantasy Others

पुरानी यादें

पुरानी यादें

1 min
11

समुंदर की लहरें मेरे पैरों से टकरा रही थी 

मानों मेरे दिल में पुरानी यादें याद आ रही थी 


लहरों का उछलना और किनारे से टकरा जाना 

जिंदगी भी मेरी ऐसी ही जा रही थी 


ऐसा भी वक्त था, जब खुशियां ही खुशियां थी 

अचानक एक घटना से मातम छा गई थी 


पुरानी यादों में मैं खो गया था 

खुशियां ढूंढने का बहाना खोज रहा था 


ऐसे में ईश्वर ने मुझे एक ख़ुशी दे दी 

घर में खुशियां की लहरें छा गई थी 


दुखों को भूल गए, जिंदगी कट रही थी 

आज पच्चीस साल पहले की यादें याद आ गई थी 


घर में हर एक इन्सान के मुख पर सन्नाटा था 

एक छोटी सी खुशी से मुस्कान आ गई थी 


तभी समुंदर की एक लहर मेरे पैरों से टकरा गई 

यह देखकर मेरे मुख पर मुस्कान आ गई 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy