ऐसे हि जिये जाने को मन करता
ऐसे हि जिये जाने को मन करता
कभी अपनी हंसी पर आता है गुस्सा
तो कभी सारी दुनिया को हसाने
को मन करता बस ऐसे हिं
जीने कामन करता है।
कभी छुपा लेते हैं, गम सारे
दिल के किसी कौने मे
कभी सब कुछ अपने को सुनाने
को मन करता है बस
बस जिन्दगी ऐसे हि लिये जाने को मन करता
कभी रोते नहीं लाख दुख आने
लेकिन कभी-कभी यूं ही आँखो से
आँसू बाहने का मन करताब
जिन्दगी ऐसे ही जीने का का मन करता
कभी अच्छा सा लगता है आजाद घुमना
तो कभी-कभी लगता है कि किसी कोने
में सिमट कर बैठ जाने वा मन करता
बस ऐसे ही जिन्दगी जीने का मन करता।
