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Kaushik Dave

Children Stories Fantasy Others

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Kaushik Dave

Children Stories Fantasy Others

आज की मॉं

आज की मॉं

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बदलता मौसम बदलते रिश्ते 


आज की मॉं के रिश्ते नहीं बदलते 


मॉं तो मॉं होती है 


हर वक्त, हर समय पर मॉं ही होती 


बच्चे के रोने की आहट सुनना 


मॉं दौड़ी दौड़ी आती 


बच्चे के लिए दिन रात जागती 


बच्चे के लिए सब कुछ ही देती 


बच्चा जवान हो जाता है 


फिर भी मॉं को बच्चे की फ़िक्र रहती 


अपने बुढ़ापे में भी मॉं 


बच्चों की मॉं बनकर रहती 


किसको अच्छी नहीं लगती है मॉं 


आज की मॉं हो या कल की मॉं 


भुलाकर भी हम भूल नहीं पाते 


मॉं होती है तो सुकून मिल जाता 




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