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SHREYA BADGE

Romance Tragedy Fantasy

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SHREYA BADGE

Romance Tragedy Fantasy

बसता हूं..

बसता हूं..

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तन्हाइयों में भी मैं अब तन्हा नहीं रहता हूं,

बेइंतहा मोहब्बत की दौलत मैंने जो पाई है...


ऐ ख़ामोश इश्क तेरी खुशबू से घिरा रहता हूं,

देह से ताल्लुक नहीं, रूह मैंने उनकी पाई है...


माना हम-सफ़र बन के साथ नहीं चलता हूं,

सरगोशियों में उनके इर्द-गिर्द मैं ही बसता हूं...


सच्चाई मोहब्बत की मैं साथ ले के चलता हूं,

बदगुमान इश्क तेरी चाहत में जीता मरता हूं...


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