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SHREYA BADGE

Inspirational

4  

SHREYA BADGE

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बेटियो का संघर्ष

बेटियो का संघर्ष

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लड़कियों का संघर्ष समाज से बाद में होता है... 

खुद के घर वालो से पहले होता है... 


बाकी, नारे तो लगा लेते हैं.. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ.... 

खुद की बेटियों की आवाज दबा दी जाती हैं... 


खुल कर जीना तो दूर.. खुल कर हसने भी नही दिया जाता है... 

छुप कर रो लेती हैं, सबके सामने मुस्कुरा देती हैं... 


जिस बाप ने कंधे पर बैठा कर पूरा मोहल्ला घुमाया.... 

आज उसी ने बाहर निकलने पर भी पहरा लगाया... 


वाह रे, जमाने.. ने क्या दस्तूर निभाया है.... 

बचपन में जिसकी किलकारियाँ पूरे घर में गूंजा करती थी... 


आज वो छुप छुप कर रोया करती हैं... 

क्या बेटियां इतनी पराई होती हैं.... 


बस एक बार उनको सीने से लगा कर तो देखो... 

बस एक आखरी बार उनसे उनकी ख्वाहिश पूछ कर तो देखो.... 


खुद की सारी खुशियों को लुटा देंगी... 

पर आप की आँखो में कभी आँसू नही आने देंगी... 


जनाब कुछ ऐसी होती हैं बेटियां... 



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