STORYMIRROR

SHREYA BADGE

Tragedy

3  

SHREYA BADGE

Tragedy

गुजर गया..

गुजर गया..

1 min
125

आज मैं टूट कर बिखर गया

देख कर अपने हालात डर गया


बहुत उम्मीद थी मुझे यार पर मेरे

वक्त आने पर वो भी मुकर गया


क्या गुनाह किया था मैंने आखिर

छोड़ कर मुझे तन्हा वो गुजर गया


वो समझता नहीं मेरे दिल का हाल

उसकी जुबान से अब मेरा जिक्र गया



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy