काश मैं फूल होती
काश मैं फूल होती
एक एहसास अधूरा
एक ख्वाहिश अधूरी
काश मैं फूल होती..…
तितलियों को खुश कर खुश होती
जब वह मेरे पास आती
दिल खोलकर मुझे प्यार करती
काश मैं फूल होती....
मधुमक्खी मेरा रसपान करती शहद बनाती
मिठास भरती लोगों में मिठास बंटती
सब ओर मुस्कुराहट होती।
काश मैं फूल होती....
भंवरे जब मंडराते
प्यार की गुंज गुंजती
वातावरण महक जाता
भंवरों की गुंजन बहती।
काश मैं फूल होती....
पेड़ पौधों पर भी मैं सुंदर लगती
बगीचों की शोभा बनती
और टूट जाऊं तो भी
ईश्वर की शरण जाती
श्रृंगार का साधन बनती
काश मैं फूल होती..
