राम पधारे
राम पधारे
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पधार रहे राम अपने धाम अवधपुरी,
सज रहे द्वार द्वार नगरी नगरी।
सत्य सनातन विजयी यहां हुआ,
हर्षित मन पुलकित तन सबका हुआ।
श्री राम प्रभु की जय जयकार गूंजे,
सबके मुख पर एक ही नाम सजे।
विश्वास की शक्ति हो रही उजागर
एक तरंग सी बह रही विश्व भर।
असंख्य रश्मियां जगमग हो रही,
मुक्त कंठ से महिमा व्यक्त हो रही।
सरयू तट का हो रहा है श्रृंगार अपार,
चारों ओर फैल रहा राम राम का ज्वार,
राहत देता विचलित मन को राम नाम,
कृपा अपनी बनाये रखना प्रभु श्री राम।
